नदियों की कछारी भूमि में पानी की आवश्यकता नहीं होती है।
2.
बोहाईसमुद्र की कछारी भूमि (डेल्टा) पर इसका निचला हिस्सा खत्म होता है।
3.
नदी या तालाब के किनारे वाली कछारी भूमि वास्तव में खेतीबाडी के लिए सब से उपयुक्त है;
4.
1. नदी या तालाब के किनारे वाली कछारी भूमि वास्तव में खेतीबाडी के लिए सब से उपयुक्त है ;
5.
ख़रबूज़ कछारी भूमि में बोने के लिये रेत को पानी के तल तक खोदते हैं और उसमें खाद मिलाकर फिर से भर देते हैं, तथा उनमें बीजों को बो देते हैं।
6.
बहरहाल, मध्य गंगा क्षेत्र की कछारी भूमि में जितने स्थानों का उत्खनन किया गया, उनमें से अधिकतर स्थान ईसा पूर्व सातवीं-छठी शताब्दी तक पर्याप्त रूप से बसे हुए प्रतीत नहीं होते.
7.
नदी या तालाब के किनारे वाली कछारी भूमि वास्तव में खेतीबाडी के लिए सब से उपयुक्त है;2. वृद्ध स्त्री प्रतीक है जाते हुए पुराने मौसम का;3. युवा लड़की नए मौसम का प्रतीक है जो खिलने के लिए तैयार है;4. लेटी हुई आकृति अथवा पुतला संभवतः पुराने मौसम के मृत शरीर का प्रतीक और चावल और मोटे अनाज की जो भेंट चढ़ाई जाती है, वह यही संकेत देता है कि उस समय यह अनाज प्रस्फुटित हो रहा है।